दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ताजा निर्णय में कहा है कि मालवीय नगर स्थित गीता भवन मंदिर के पास की खाली जमीन को पार्क के रूप में इस्तेमाल करने व आनंद लेने के स्थानीय नागरिक हकदार होंगे। अदालत ने कहा कि पेश किए गए तथ्यों से स्पष्ट है कि विचाराधीन भूमि का स्वामित्व मंदिर प्रबंधन के पास नहीं है।उक्त जमीन के स्वामित्व पर भूमि एवं विकास विभाग (L&DO) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (D.D.A) द्वारा दावा किया जा रहा है। भूमि विवाद का निर्णय इस याचिका पर नहीं किया जा सकता है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा की पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता सोसाइटी ने पहले ही भूमि के स्वामित्व को लेकर वाद दायर किया है, ऐसे में वह वह भूमि पर हक या किसी भी अधिकार का दावा नहीं कर सकता।उक्त तथ्यों को देखते हुए एकल पीठ द्वारा सुनाए गए निर्णय में कोई त्रुटि नहीं है और स्थानीय नागरिक एकल पीठ द्वारा पारित निर्देशों के तहत पार्क का आनंद उठा सकते हैं। हालांकि, पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि उक्त आदेश सोसाइटी द्वारा भूमि को लेकर दायर वाद के निर्णय के अधीन होगा।याचिकाकर्ता गीता भवन मंदिर की गीता प्रचार सभा सोसाइटी ने याचिका दायर कर मंदिर के पास की 405 स्क्वायर मीटर मंदिर की भूमि को ग्रीन-एरिया के तौर पर स्थानीय नागरिकों को पार्क के रूप में उपयोग करने संबंधी 21 अगस्त 2023 को एकल पीठ द्वारा पारित निर्णय को चुनौती दी थी।याचिकाकर्ता सोसाइटी ने दावा किया कि उक्त मंदिर 60 साल पुराना है और 1,111 स्क्वायर मीटर भूमि पर उसका कब्जा है। यह भी दावा किया कि पुनर्वास मंत्रालय ने बगैर दस्तावेजों की जांच किए मंदिर की भूमि पर अपना कब्जा बताया और इस संबंध में याचिका दायर की। एकल पीठ ने L&DO की याचिका पर 19 अप्रैल, 2023 को उक्त भूमि की चारदीवारी करने का आदेश पारित किया।इसकी जानकारी मिलने पर मंदिर सोसाइटी ने निर्णय में संशोधित निर्णय पारित करने के लिए मामले में पक्षकार बनाने के लिए आवेदन दाखिल किया। इस पर एकल पीठ ने 21 अगस्त को पारित आदेश में कहा कि विवादित भूमि कभी भी सोसाइटी के नाम पर आवंटित नहीं की गई।ऐसे में L&DO उक्त 405 स्क्वायर मीटर भूमि ग्रीन एरिया के तौर पर यथास्थिति बनाए रखेगा और यहां पर पौधारोपण करे। साथ यह भी आदेश दिया कि स्थानीय नागरिक उक्त भूमि का पार्क के रूप में इस्तेमाल करने के हकदार होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page