केरल हाईकोर्ट ने 2017 के अभिनेत्री उत्पीड़न मामले में मेमोरी कार्ड के लीक होने की नई सिरे से जांच वाली याचिका खारिज कर दी। बता दें, यह मेमोरी कार्ड इस मामले में काफी अहम सबूत है। हमले के मामले में पीड़िता ने इस साल आठ जनवरी को एर्नाकुलम सत्र और जिला न्यायाधीश द्वारा पेश की गई फैक्ट फाइंडिंग जांच रिपोर्ट को खारिज करने और मामले की नए सिरे से जांच का आदेश देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लायक नहीं मानते हुए इसे खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता कानून के अनुसार उचित कानूनी कार्यवाही की मांग कर सकता है।
याचिका में ये किया गया था दावा
पीड़िता ने याचिका में दावा किया था कि मेमोरी कार्ड तक अवैध पहुंच के संबंध में जांच रिपोर्ट को पढ़ने मात्र से संकेत मिलता है कि जांच कर रहे प्राधिकरण ने कभी भी निष्पक्ष, स्वतंत्र और पूर्ण जांच नहीं की, जैसा कि हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था। उन्होंने दलील दी थी कि रिपोर्ट रद्द की जानी चाहिए। साथ ही आग्रह किया था कि कानून की गरिमा को बनाए रखने, कानूनी प्रणाली की शुद्धता बनाए रखने और निजता के अधिकार की रक्षा के लिए हाईकोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा नए सिरे से जांच की जाए।
क्या है मामला?
उल्लेखनीय है कि तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम कर चुकीं एक अभिनेत्री को साल 2017 में कथित तौर पर अगवा कर लिया गया था। इस दौरान आरोपियों ने दो घंटे तक अभिनेत्री के साथ छेड़छाड़ की और बाद में फरार हो गए थे। आरोपियों ने अभिनेत्री को ब्लैकमेल करने के लिए छेड़छाड़ का वीडियो भी शूट किया था। इस मामले में पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार लोगों में अभिनेता दिलीप भी शामिल थे, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।बाद में, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिला अभिनेत्रियों के कथित यौन शोषण के मामले में जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई थी, जिस पर काफी बवाल हुआ।