विदेश भेजने के नाम पर ठगी के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि पीड़ित पक्ष की मूर्खता को आधार बनाकर ठग जमानत की मांग नहीं कर सकते। ठगों को सख्ती से रोकना जरूरी है और यदि ऐसा नहीं हुआ तो यह बुरा इतिहास बना देंगे।

याचिका दाखिल करते हुए वरिंदर जीत ने हाईकोर्ट को बताया कि विदेश भेजने के नाम पर ठगी के आरोप में 25 अगस्त 2023 को एसबीएस नगर में FIR दर्ज की गई थी। याची पर आरोप है कि उसने पीड़ित से उसके रिश्तेदारों को विदेश भेजने के लिए अलग-अलग मौकों पर लाखों रुपये लिए हैं। पैसे का भुगतान याची के खाते में किया गया था। शिकायतकर्ता के अनुसार उसने अपने रिश्तेदारों को विदेश भेजने के नाम पर भुगतान किया था। इसके बावजूद न तो विदेश भेजा गया और न ही पैसा लौटाया गया।

हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में पीड़ित पक्ष को पता था कि वह गैर कानूनी तरीके से अपने बेटे को विदेश भेजने के लिए भुगतान कर रहा है। हालांकि इस आधार पर याची का गुनाह कम नहीं हो जाता है। पीड़ित पक्ष की मूर्खता के आधार पर ठग को जमानत नहीं दी जा सकती है। ठगी के मामलों में बड़ी तेजी से वृद्धि हो रही है और यदि आज इसे सख्ती से नहीं रोका गया तो यह एक बुरा इतिहास बन जाएगा। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस मामले में आरोपी को जमानत से इन्कार करते हुए याचिका को सिरे से खारिज कर दिया।

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