डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में तख्तापलट की कोशिश करने वाले तीन अमेरिकी नागरिकों समेत 37 नामजद को मौत की सजा सुनाई गई है। मई महीने में उन्होंने कूप की कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रहे थे। इन लोगों ने भारी हथियारों के साथ कांगो की राजधानी किंशासा के प्रेजिडेंट हाउस पर कब्जा कर लिया था।

हालांकि, एक सैन्य कार्रवाई में तख्तापलट करने आए सशस्त्र नामजदों के लीडर को मार गिराया था, जो कि अमेरिकी मूल का एक कंगोलियाई नेता था। क्रिश्चियन मालांगा के बेटे मार्सेल मालांगा को भी आरोपी बनाया गया था। साथ ही उसके दोस्त टायलर थॉमसन और क्रिश्चियन मालांगा के ट्रेड पार्टनर रहे अमेरिकी बेंजामिन जलमैन पर भी मुकदमा चलाया गया और उन्हें दोषी पाया गया।

पिता ने दी थी मारने की धमकी!

तीनों को आपराधिक साजिश, आतंकवाद और अन्य आरोपों में दोषी पाकर मौत की सजा सुनाई गई है। मालांगा ने अदालत को बताया कि प्लान में शामिल न होने पर उसके पिता ने मारने की धमकी दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि यह पहली बार था जब वह अपने पिता के निमंत्रण पर कांगो आए थे, जिनसे वे सालों से नहीं मिले थे।

37 नामजदों को मौत की सजा

अमेरिकियों समेत ऐसे लगभग 50 लोग शामिल हैं, जिनमें अमेरिकी, ब्रिटिश, कनाडाई, बेल्जियाई और कांगोलियन नागरिक शामिल हैं। वे उस असफल तख्तापलट का हिस्सा था, जिसमें राष्ट्रपति कार्यालय पर कब्जा कर लिया गया था। मसलन, कुल 37 नामजदों को मौत की सजा सुनाई गई है। वॉशिंगटन में, स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने इस मामले पर कहा कि दूतावास के कर्मचारियों ने कार्यवाही में हिस्सा लिया और वे आगे मामले पर नजर बनाए रखेंगे।

पत्नी ने की अपील

अमेरिकी अधिकारी ने बताया, “हम समझते हैं कि कांगो में कानूनी प्रक्रिया अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने की इजाजत देती है।” 37 नामजदों में बेल्जियम-कांगोलियन नागरिक जीन-जैक्स वोंडो भी शामिल हैं। वोंडो के परिवार ने कांगो के राष्ट्रपति फेलिक्स त्शिसेकिडी को संदेश भेजा था। हालांकि, उनकी पत्नी ने अपील की कि वह निर्दोष हैं।

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