नई दिल्ली। दो महीने से फांसी से बच रहे निर्भया केस के चारों दोषियों के सभी कानूनी उपाय खत्म हो गए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी। इसके बाद दिल्ली सरकार नया डेथ वारंट जारी करवाने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गई। एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों को नोटिस जारी कर गुरुवार तक जवाब मांगा है। कोर्ट संभवत: आज अंतिम डेथ वारंट जारी कर देगा। निर्भया के पिता ने उम्मीद जताई है कि दोषियों की फांसी इस बार नहीं रुकेगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका बुधवार को खारिज कर दी थी। उसके पास फांसी की सजा से बचने का यह आखिरी कानूनी विकल्प था। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के तुरंत बाद पवन ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। इसी आधार पर ट्रायल कोर्ट ने दोषियों की फांसी तीसरी बार टाल दी थी।

तीन बार खारिज हो चुका है डेथ वॉरंट

पहली बार- 22 जनवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन टल गई।
दूसरी बार- 1 फरवरी को फांसी देने का डेथ वॉरंट जारी किया गया, लेकिन फांसी नहीं हुई।
तीसरी बार- 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन दोषी पवन के पास कानूनी विकल्प बचे होने के चलते फांसी टली। सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।

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