नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने सुदर्शन  के उस ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम के प्रसारण पर इस चरण में रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, जिसके प्रोमो में दावा किया गया था कि चैनल ‘सरकारी सेवाओं में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र पर बड़ा खुलासा’ प्रसारित करने जा रहा है। दिल्ली हाई कोर्ट न्यायमूर्ति नवीन चावला ने सरकारी सेवाओं में मुसलमानों के प्रवेश संबंधी कार्यक्रम के प्रसारण के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और सुदर्शन टीवी को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा। याचिका में सरकार के 9 सितंबर के आदेश को खारिज करने का अनुरोध किया गया है।

 सरकार ने कहा-

 कार्यक्रम पर प्रसारण से पहले रोक की व्यवस्था नहीं सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि टीवी चैनलों पर प्रसारित किसी भी कार्यक्रम पर प्रसारण से पूर्व रोक की व्यवस्था नहीं है। इस बाबत मंत्रालय ने सुदर्शन चैनल से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उसका शो कार्यक्रमों के लिए निर्धारित संहिता का उल्लंघन नहीं करे। 

 सुदर्शन न्यूज़ का दावा

 सुदर्शन चैनल के एक विवादास्पद कार्यक्रम के प्रोमो में ‘सरकारी सेवाओं में मुस्लिमों की घुसपैठ को लेकर साजिश पर बड़ा खुलासा’ करने का दावा किया था। पिछले महीने यह कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायिक जांच के घेरे में आ गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने ‘बिंदास बोल’ प्रसारित करने से सुदर्शन टीवी पर पहले से रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगा दी थी।

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