शीर्ष अदालत ने सोमवार को (UPSC) संघ लोक सेवा आयोग से चार अक्ट्रबर को होने वाली सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियों के बारे में कल तक जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि वासीरेड्डी गोवर्धन साई प्रकाश और 19 अन्य याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर कर कोविड-19 संक्रमण के मामलों में कमी होने और देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने तक दो-तीन महीने के लिए परीक्षाएं स्थगित करने का अनुरोध किया है।
यूपीएससी ने कोविड-19 महामारी और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति के बावजूद सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने के लिए दायर याचिका का न्यायालय में विरोध किया।
जिस पर न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने वर्चुअल कोर्ट में यूपीएससी को कल तक, सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी संक्षिप्त हलफनामे में देंने को कहा।
यूपीएससी की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कहा –
सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 31 मई को होनी थी और अब इन्हें टालना असंभव है। यह परीक्षा भारत सरकार की मुख्य सेवाओं के लिए है। अनेक अभ्यर्थी पहले ही परीक्षा के लिए अपने ई-प्रवेश पत्र डाउनलोड कर चुके हैं। उनकी इस बात पर पीठ ने कहा कि अपने हलफनामे की एक प्रति याचिकाकर्ता वासीरेड्डी गोवर्धन साई प्रकाश और 19 अन्य अभ्यर्थियों के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव को दें।
याचिका में कहा गया –
याचिका में कहा गया कि सात घंटे की ऑफलाइन परीक्षा में देश के 72 शहरों में बने परीक्षा केन्द्रों में करीब छह लाख अभ्यर्थी हिस्सा लेंगे। जो संघ लोक सेवा आयोग द्वारा परिवर्तित कार्यक्रम के कारण होगा। परीक्षा कराने का निर्णय याचिकाकर्ताओं और उनकी ही तरह के दूसरे व्यक्तियों को जनता की सेवा करने के लिए अपना पेशा चुनने के बारे में संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(जी) में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन करता है।
इसके अलावा कहा गया कि सिविल सेवाओं में भर्ती के लिए आयोजित होने वाली यह परीक्षा अन्य शैक्षणिक परीक्षा से भिन्न है और अगर इसे कुछ समय के लिए स्थगित किया जाता है तो इससे किसी प्रकार के शैक्षणिक सत्र में विलंब होने जैसा सवाल नहीं उठता है।और चूंकि अभ्यर्थियों के गृह नगर में परीक्षा केन्द्र नहीं होने की वजह से कई परीक्षार्थियों को रहने के लिए पीजी की सुविधा और सुरक्षित स्वास्थ्य से जुड़ी अनेक अकल्पनीय परेशानियों का सामना करना पडेगा।