चंडीगढ़।  सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुसरण न करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने लुधियाना के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को निबंध लिखने का आदेश दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को यह निबंध सुप्रीम कोर्ट के अग्रिम जमानत संबंधी 10 आदेश पढ़कर 30 दिन में तैयार करके  चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी के निदेशक को सौंपनी  होगी ।

हिरासत में हत्या के आरोपी पुलिसकर्मी अमरजीत सिंह और दो अन्य ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। याची ने हाईकोर्ट को बताया कि निचली अदालत में जानकारी दी गई थी कि जिस व्यक्ति की हिरासत में हत्या की बात कही जा रही है वह जीवित है।

जानकारी के बाद भी खारिज कर दी जमानत याचिका

जानकारी के बाद भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहली नजर में यह मामला साबित करता है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने में विफल रहे। जज ने टिप्पणी की कि लगातार न्यायिक अकादमियों में सत्र आयोजित करने के बाद भी न्यायिक अधिकारियों की यह दशा है।

वर्ष 2005 में मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में गिरफ्तार हरदीप सिंह की पुलिस हिरासत में हत्या का मामला दर्ज हुआ था। इस दौरान तालाब में मिले शव को हरदीप का बताया गया। हरदीप के पिता ने पुलिस पर अवैध रूप से हिरासत में रखने और हत्या करने का आरोप लगाया था। जांच में पाया गया कि शव हरदीप का नहीं था। सत्र न्यायाधीश ने फिर भी ट्रायल शुरू कर दिया।

हाईकोर्ट ने कहा कि हरदीप के पिता नागेंदर व अन्य ने झूठे बयानों और फर्जी तरीके से अभियुक्त बनाने की साजिश रची गयी है। और  नागेंदर को दो लाख और अन्य फर्जी गवाह को 50 हजार रुपये जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया है।

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