कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में डेंगू के प्रकोप से हाहाकार मचा है. इसके संक्रमण से 6 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 7 जुलाई तक बेंगलुरु में 80 नए मामले सामने आए थे. वहीं, पूरे राज्य में 159 लोग पॉजिटिव पाए गए. राज्य में डेंगू के बढ़ते मामलों को कर्नाटक हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है, साथ ही इस संबंध में स्वैच्छिक जनहित याचिका दायर कर सरकार को आपातकालीन नोटिस जारी की है.

कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को बेंगलुरू और राज्य के अन्य जिलों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वतः संज्ञान लिया. हाई कोर्ट के न्यायाधीश एनवी अंजारिया और न्यायमूर्ति केवी अरविंद की खंडपीठ ने कहा कि हम बेंगलुरू और राज्य, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के प्रसार का स्वतः संज्ञान ले रहे हैं. पीठ ने कहा कि स्वास्थ्य, इलाज तथा स्वस्थ वातावरण में जीने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 से प्राप्त एक मौलिक अधिकार है.

जानकारी के मुताबिक कर्नाटक हाई कोर्ट ने रायचूर के एक नागरिक विजयकुमार एचके द्वारा लिखे गए पत्र पर ध्यान दिया, जिसे एक अंग्रेजी अखबार और अन्य संबंधित समाचार लेखों में डेंगू के कई मामलों की ओर इशारा करते हुए प्रकाशित किया गया था.

पीठ ने कहा कि संपादक को लिखे गए पत्र समाज की नब्ज होते हैं और इन्हें समाज के वास्तविक मामलों को दर्शाने वाला बैरोमीटर माना जाता है. आम नागरिकों द्वारा संपादक को पत्र लिखकर व्यक्त किए गए विचार हमेशा मायने रखते हैं, उनकी सच्चाई और महत्व को रेखांकित किया जाना चाहिए. अदालत ने राज्य सरकार, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को नोटिस जारी किया और उन्हें 23 जुलाई तक निम्नलिखित बिंदुओं पर जवाब देने का निर्देश दिया है. इधर, वकील शशि किरण शेट्टी ने अदालत को आश्वासन दिया कि सरकार जल्द से जल्द अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करेगी.

कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछे सवाल

  1. बेंगलुरु और राज्य के अन्य जिलों में डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए किए गए निवारक और उपचारात्मक उपाय.
  2. बेंगलुरु शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए उठाए गए कदम.
  3. बुनियादी ढांचे की उपलब्धता.
  4. जन जागरूकता पैदा करने के लिए उठाए गए कदम और कार्यक्रम.
  5. मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम.

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