ब्रांच मैनेजर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूनाइटेड इंश्योरेंस इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड चेन्नई से जवाब तलब किया है। जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है। मामले की सुनवाई अब 16 अगस्त को होगी। कोर्ट ने यह आदेश मैनेजर डॉ. गजेंद्र सिंह निवासी गाजियाबाद की अर्जी स्वीकार करते हुए दिया। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अजीत कुमार कर रहे हैं।

गाजियाबाद निवासी डॉ. गजेंद्र सिंह यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में शाखा प्रबंधक पद पर कार्यरत थे। याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी के अनुसार शाखा प्रबंधक गजेंद्र सिंह वर्ष 2000 में एक इंश्योरेंस कवर चेक इस विश्वास के साथ बनवाया था कि ग्राहक उसी दिन शाम को पैसा जमा कर देगा। ग्राहक समय से पैसा नहीं दे सका।

दूसरे दिन आकर ग्राहक ने दूसरे चेक देकर उसी दिन इंश्योरेंस बनवा लिया, लेकिन चेक बाउंस हो गया। इसी दौरान गाड़ी कुछ दिन बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ग्राहक ने गलत तरीके से मोटर दुर्घटना का  दावा करके न्यायालय के माध्यम से कंपनी से सवा तीन लाख रुपये ले लिया।

इस भुगतान को कंपनी ने बड़ी लापरवाही मानते हुए गजेंद्र सिंह की सेवा समाप्त कर दी। इसके खिलाफ याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट की एकल और दो जजों की पीठ से याचिका खारिज होने के बाद गजेंद्र ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

सुप्रीम कोर्ट ने सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त करते हुए इंश्योरेंस नियमावली के तहत इससे छोटा दंड देने का निर्देश कंपनी को दिया। कंपनी ने कोर्ट के आदेश पर उसी दंड के बराबर गजेंद्र सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्त दे दी। कंपनी के इस आदेश को गजेंद्र सिंह ने फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में कंपनी से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई की तिथि 16 अगस्त मुकर्रर की गई है।

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