इलाहाबाद हाईकोर्ट ने BSP विधायक राजू पाल मर्डर केस में दोषी करार दिए गए इसरार अहमद की उम्रकैद की सजा के खिलाफ दाखिल आपराधिक अपील को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में जांच एजेंसी CBI से चार हफ्ते में जवाब भी मांगा है। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को भी तलब कर लिया है।
अभियुक्त इसरार की अपील में CBI की विशेष अदालत लखनऊ द्वारा इसी साल 4 अप्रैल को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को रद्द किए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही अदालत का फैसला आने तक सजा को निलंबित किए जाने और जमानत पर रिहा करने की भी मांग की गई है। इसरार की अपील में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट का फैसला सही नहीं है। उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। बिना सबूत के ही उसे दोषी करार देकर उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
अतीक पर भी था आरोप
BSP विधायक राजू पाल की साल 2005 में प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था। पुलिस चार्जशीट के बाद मामला CBI को सौंपा गया था। CBI ने लखनऊ में FIR दर्ज कर विवेचना की थी।
CBI की विशेष अदालत ने इसी साल अप्रैल महीने में सात आरोपियों को दोषी करार देकर सजा सुनाई थी। हालांकि CBI कोर्ट का फैसला आने से तकरीबन एक साल पहले ही मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मौत के घाट उतार दिया गया था, इसलिए इन दोनों भाइयों का केस बंद कर दिया गया था। मामले की सुनवाई जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की डिवीजन बेंच में हुई। हाईकोर्ट ने अपील दाखिल करने में हुई सोलह दिन की देरी को भी माफ कर दिया।