पुणे कार एक्सीडेंट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। 25 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। नाबालिग आरोपी रिमांड होम से बाहर आएगा या अंदर ही रहेगा इस पर 25 जून को फैसला आएगा। इस बीच सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।
कोर्ट ने कहा उस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार निश्चित रूप से सदमे में हैं, लेकिन नशे की हालत में हादसे को अंजाम देने वाला नाबालिग भी सदमे में है। स्वाभाविक है कि उसकी मानसिकता पर भी असर पड़ा होगा। पुणे कार दुर्घटना मामले में कोर्ट ने आज दोनों तरफ की दलीलें सुनी।
पुलिस ने पुणे के कल्याणी नगर इलाके में पिछले महीने हुए पोर्श कार हादसे में कथित तौर पर शामिल 17 साल के नाबालिग के खिलाफ सभी साक्ष्यों के साथ अंतिम रिपोर्ट यहां किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) को जमा कर दी है।
अभी आरोपी किशोर को शहर में एक निगरानी केंद्र में रखा गया है। पुलिस का दावा है कि आरोपी गत 19 मई को तड़के हुई दुर्घटना के समय पोर्श कार चला रहा था और नशे में था। कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी जिससे दुपहिया वाहन सवार दो लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ‘‘हमने जेजेबी को सभी साक्ष्य दे दिए हैं जो बताते हैं कि पोर्श कार को किशोर चला रहा था।’’ अधिकारी ने बताया, ‘‘रिपोर्ट में चश्मदीदों के बयान भी हैं जिन्होंने उसे कार चलाते हुए देखा था। इसमें जांच के दौरान प्राप्त सीसीटीवी फुटेज और कोजी रेस्टोरेंट और ब्लैक क्लब में उसके शराब पीने के प्रमाण भी हैं। संक्षेप में कहें तो हमने व्यापक अंतिम रिपोर्ट दे दी है जो दर्शाती है कि किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था।’’