उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में वकीलों और जज के बीच विवाद में नया मोड़ आ गया है। कोर्ट रूम में पीटने, मोबाइल छीनने और तोड़फोड़ का आरोप लगाने वाले अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 प्रहलाद टंडन ने राज्यपाल और हाईकोर्ट को चिट्ठी भेजकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की मांग की है। 

विदित हो कि गुरुवार दोपहर एडीजे कोर्ट-11 में जज प्रहलाद टंडन के चैंबर में घुसकर वकीलों ने जमकर बवाल किया था।  घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। घटना के बाद वकील हड़ताल पर चले गए। वहीं जज प्रहलाद टंडन ने उन्नाव बार एसोसिएशन अध्यक्ष राम शंकर सिंह समेत 30 नामजद वकीलों व 200 अन्य के खिलाफ मारपीट, लूट की धाराओं के अलावा 7 सीएलए में रिपोर्ट लिखी। एएसपी शशि शेखर सिंह द्वारा एफआईआर की पुष्टि की गई।

   जिला न्यायाधीश ने किया सुलह का प्रयास 

जज व वकीलों के बीच विवाद बढ़ता देख शाम को जिला न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को बुलाकर घटनाक्रम की जानकारी ली, करीब एक घंटे चली बैठक के बाद दोनों पक्षों ने सुलह कर समझौतानामा साइन किया।  जिसके बाद गुरुवार शाम ही जज प्रहलाद टंडन द्वारा कोतवाली एसएचओ को दी गई चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई


 
जज प्रहलाद टंडन ने मांगा VRS : जताई पारिवारिक व व्यक्तिगत असमर्थता

शुक्रवार सुबह जज प्रहलाद टंडन ने राज्यपाल, इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार और जिला जज को एक चिट्ठी भेजी।जिसमें उन्होंने लिखा कि पारिवारिक और व्यक्तिगत कारणों से वह सेवा करने में असमर्थ हैं। व स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाहते है। 

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