चुनाव के दौरान रैलियों में भीड़ समेत कोरोना प्रोटोकॉल टूटने पर मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। और कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया था। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि ,आयोग के अफसरों पर तो संभवत: हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।
जिस पर EC ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी याचिका में हाईकोर्ट की अपमानजनक टिप्पणी को हटाने की मांग की है। आयोग ने कहा है कि हाईकोर्ट खुद एक संवैधानिक संस्था है। चुनाव आयोग भी संवैधानिक संस्था है, इसलिए हाईकोर्ट को ऐसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए थी। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच 3 मई को सुनवाई करेगी।
क्या हैं मामला ?
कोरोना के बिगड़ते हालात के बीच मद्रास हाईकोर्ट ने पिछले सोमवार को चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी। चीफ जस्टिस ने तो यहां तक कह दिया कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। उन्होंने आयोग को चेतावनी दी कि 2 मई को काउंटिंग के दिन के लिए कोविड प्रोटोकॉल बनाए जाएं और उनका पालन हो। ऐसा नहीं हुआ तो हम काउंटिंग शेड्यूल को रोकने पर मजबूर हो जाएंगे।
हाईकोर्ट : जब रैलियां हो रही थीं, तब क्या आप दूसरे ग्रह पर थे ?
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी नाराज हो गए। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा, ‘‘जब चुनावी रैलियां हो रही थीं, तब आप दूसरे ग्रह पर थे क्या? रैलियों के दौरान टूट रहे कोविड प्रोटोकॉल को आपने नहीं रोका। बिना सोशल डिस्टेंसिंग के चुनावी रैलियां होती रहीं। आज के हालात के लिए आपकी संस्था ही जिम्मेदार है। कोरोना की दूसरी लहर के लिए आप जिम्मेदार हैं। चुनाव आयोग के अफसरों पर तो संभवत: हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।’’ इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।