राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने उत्तर प्रदेश सरकार से उनके मुख्य सचिव के माध्यम से कहा है कि सफदर अली खान के परिजनों को 7.5 लाख रुपये का भुगतान किया जाए, जिन्हें पिछले साल अप्रैल में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में हिंसक आवारा कुत्तों ने मार डाला था। आठ सप्ताह के भीतर भुगतान के प्रमाण की अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी गई है।

आयोग ने घटना के बारे में 17 अप्रैल, 2023 की एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था और मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, कुलपति, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय तथा आयुक्त, अलीगढ़ नगर निगम को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। राज्य सरकार से यह सूचित करने की अपेक्षा की गई थी कि क्या मृतक के निकटतम परिजनों (एनओके) को कोई राहत दी गई थी।

संबंधित अधिकारियों से जवाब में प्राप्त रिकॉर्ड सामग्री के आधार पर, आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर पूछा था कि मृतक के परिजनों को आर्थिक राहत के रूप में 7.5 लाख रुपये का भुगतान करने की सिफारिश क्यों नहीं की जाए। हालाँकि, संबंधित अधिकारियों ने एएमयू के रजिस्ट्रार का एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि आयोग के नोटिस में ऐसा कोई निर्देश नहीं है जिसका विश्वविद्यालय को पालन करना चाहिए। विश्वविद्यालय की ओर से मानव अधिकारों के उल्लंघन या मानव अधिकारों के उल्लंघन की रोकथाम में लापरवाही का कोई कार्य नहीं है।

आयोग ने कहा कि संबंधित अधिकारी स्पष्ट रूप से इस मामले में अपनी जिम्मेदारी टाल रहे थे। इसलिए, यह देखा गया कि लोक सेवक द्वारा लापरवाही और उकसावे के कार्य के कारण प्राधिकरण द्वारा मानव अधिकारों के उल्लंघन के पीड़ितों को आयोग की सिफारिश से भुगतान किए जाने वाले लाभों से इनकार नहीं किया जा सकता है। तदनुसार, आयोग ने 7.5 लाख रुपये की राहत राशि की पुष्टि की, जैसा कि आयोग के कारण बताओ नोटिस में उल्लेख किया गया है कि इसे मृतक के निकटतम रिश्तेदार को भुगतान किया जाना चाहिए।

यह याद किया जा सकता है कि 65 वर्षीय सफदर अली खान पर गली के कुत्तों के झुंड ने उस समय हमला कर दिया था जब वह सुबह की सैर के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर के अंदर एक पार्क में थे। इस घटना की खूब चर्चा हुई और इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

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