इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पानी टंकी ओवरब्रिज से दो पहिया वाहनों को गुजरने देने की मंजूरी दिए जाने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने दाखिल विरोधभासी हलफनामे को अस्वीकार कर नए सिरे से जानकारी मांगी है। पूछा है कि क्या नया ओवर ब्रिज बनने तक दो पहिया वाहनों को पुराने ब्रिज से गुजरने की अनुमति रहेगी। मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली व न्यायमूर्ति विकास बुधवार की पीठ याचिका पर सुनवाई कर रही है।

मामले में पूर्व पार्षद कमलेश सिंह ने व अन्य ने जनहित याचिका दाखिल कर नया ओवर ब्रिज बनने की मांग की है। साथ ही नया ओवरब्रिज बनने तक पुराने ब्रिज से दोपहिया वाहनों को आने-जाने की अनुमति देने की मांग की है। इस मामले में राज्य सरकार ने जवाब दाखिल कर बताया कि पानी टंकी ओवरब्रिज सुरक्षित न होने की वजह से जनहित में बंद किया गया है। साथ ही पुल से पैदल व दोपहिया वाहनों का आवागमन जारी है।

वहीं एक और हलफनामा दाखिल कर कहा कि वैकल्पिक मार्ग बगल वाले ब्रिज से दिया गया है। कोर्ट ने कहा दोनों हलफनामे एक ही अधिकारी के हैं और उनमें विरोधाभास है। इसलिए नया हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट किया जाए कि क्या दो पहिया वाहनों को पुराने ब्रिज से गुजरने की अनुमति है या नहीं। कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 22 जुलाई निर्धारित की है।

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