दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के 45 दिनों तक चुनाव प्रक्रिया की पूरी सीसीटीवी और वीडियोग्राफी को भी संरक्षित किया जाए। आयोग ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया था कि हम एक संवैधानिक निकाय हैं। हमने चुनावी प्रक्रिया में EVM के उपयोग के लिए कई सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव कराने का निश्चय किया है।
निर्वाचन आयोग ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि चुनाव के सभी चरणों की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी कवरेज सुरक्षित रखी जाती है। आयोग ने कोर्ट को वीडीओ रिकॉर्डिंग के संरक्षण के बारे में विस्तार से बताया था। निर्वाचन आयोग (ECI) ने कहा है कि पूरी चुनाव प्रक्रिया के संबंध में वीडियोग्राफी और सीसीटीवी रिकॉर्ड करता है।
ECI ने अपने हलफनामे में कहा कि स्टोर रूम में CCTV कैमरे लगाए गए हैं। प्रथम स्तर की जांच के बाद कम से कम 30 दिनों तक रिकॉर्डिंग संरक्षित की जाती है।
रामपुर लोकसभा के निर्दलीय प्रत्याशी की अर्जी
उत्तर प्रदेश के रामपुर से स्वतंत्र उम्मीदवार और वकील महमूद प्राचा ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इस अर्जी में चुनाव प्रक्रिया के दौरान रिकॉर्ड की गई सभी वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की मांग की गई है। बता दें कि रामपुर में मतदान 19 अप्रैल को हुआ था और प्राचा ने 29 अप्रैल को सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के संरक्षण के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। हालांकि, उसका कोई जवाब नहीं मिला था।