हाईकोर्ट ने बच्चे को फर्श पर पटकने के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए मां की याचिका खारिज कर दी है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इसे हत्या के प्रयास के समान मानते हुए कड़ी टिप्पणी की है। दरअसल, मां ने महज 13 महीने के बच्चे को कोर्ट परिसर में फेंक दिया था, जिसके बाद मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने इसे हत्या के प्रयास के समान मानते हुए दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है। इसी के साथ एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई है।

ये है पूरा मामला
यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के शहडोल जिले (Shahdol) का है। जहां याचिकाकर्ता महिला का पति से विवाद का प्रकरण ब्यौहारी मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है। महिला पर आरोप है कि उसने कोर्ट के भीतर अपने 13 माह के बच्चे को जमीन पर फेंक दिया और पेपरवेट उसकी तरफ उछाला। इस घटना पर महिला के खिलाफ ब्यौहारी थाने में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। इसे रद्द करने की मांग को लेकर उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

बच्चे के सिर की ओर पेपरवेट भी फेंका
याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ ने रिकॉर्ड देखने के बाद घटना पर आश्चर्य जताया। कोर्ट ने माना कि यह उसके अपने बच्चे की ‘हत्या के प्रयास’ के समान है। अदालत ने मां के आचरण को भी स्थिति को खराब करने के लिए पर्याप्त बताया, जिसने बाद में बच्चे के सिर की ओर पेपरवेट फेंक दिया। हाईकोर्ट ने आसपास की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने से इनकार कर दिया और एफआईआर को रद्द न करना उचित समझा।

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