रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट को जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आगाह करना पड़ा है। मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने ED को संबोधित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकती है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद तमिलनाडु के 4 जिलों के कलेक्टर को ED के समक्ष पेश होना पड़ा था। जांच एजेंसी ने सभी संबंधित जिलों के कलेक्टर से उनके जिले में होने वाले रेत खनन से जुड़ा ब्योरा मांगा था। आरोप है कि इस दौरान ED ने इन कलेक्टर्स को घंटों तक इंतजार करवाया। तमिलनाडु की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष इस बात को उठाया था।
तमिलनाडु में अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच ईडी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद प्रदेश के चार जिलों के कलेक्टर को जांच एजेंसी के समक्ष पेश होना पड़ा था। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जस्टिस बेला त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली को बताया कि संबंधित जिलों के कलेक्टर सुबह 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे और उन्हें वहां से देर शाम 8:30 बजे जाने की अनुमति मिली थी। कपिल सिब्बल ने कहा, ‘वे जिलाधिकारी हैं। वे (ED अधिकारी) इन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ऐसा नहीं कर सकते हैं।’ कपिल सिब्बल की इस दलील पर ED ने कोर्ट को बतया कि कलेक्टर्स की ओर से कोई दस्तावेज या डिटेल मुहैया नहीं कराया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने ED को दी नसीहत
सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल के आरोप पर संज्ञान लेते हुए ED को नसीहत दी है। मामले की सुनवाई कर रहीं जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा, ‘आप (ED) ऐसा नहीं कर सकते हैं। आप उन्हें लंबा इंतजार नहीं करा सकते…वे अपने जिलों के प्रति भी जिम्मेदार हैं। उन्हें अनावश्यक परेशान न करें।’ इसपर ED की ओर से अदालत में पेश हुए वकील ने कहा कि जांच एजेंसी को कोर्ट की नाराजगी के बारे में बता दिया जाएगा। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को जुलाई तक के लिए टाल दिया है।
जांच एजेंसी बोली- नहीं मिले दस्तावेज
दूसरी तरफ, तमिलनाडु में अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच कर रही ED ने सुप्रीम कोर्ट को चौंकाने वाली जानकारी दी। जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि संबंधित जिलों के कलेक्टर की ओर से न तो कोई दस्तावेज दिया गया और न ही कोई ब्योरा ही मुहैया कराया गया। इसपर कपिल सिब्बल ने कहा, ‘कलेक्टरों से जो दस्तावेज मांगे गए थे, वे मुहैया करा दिए गए हैं।’ वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ED से इस मामले में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। जांच एजेंसी को यह भी बताने को कहा गया है कि वह अपनी रिपोर्ट में यह भी बताए कि उसने चार जिलों के कलेक्टर से कौन-कौन से दस्तावेज मांगे थे और उसे क्या नहीं मिला।