इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद कानपुर के सेवानिवृत्त मंडी निरीक्षक की ग्रेच्युटी और बकाया वेतन का भुगतान रोकने के उप निदेशक प्रशासन और वितरण का आदेश रद्द कर दिया है। साथ ही रिटायर होने की तिथि से भुगतान करने तक छह प्रतिशत ब्याज सहित बकाया का भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने राजपाल सिंह सेंगर की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया।
याची के अधिवक्ता आशीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि याची के खिलाफ सेवाकाल में कोई विभागीय जांच कार्यवाही नहीं की गई और उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। याची को कदाचार का दोषी नहीं ठहराया गया।
सेवानिवृत्ति के बाद विभागीय जांच का आदेश देकर सचिव मंडी परिषद ने 1,33,000 रुपये बकाया वेतन व 1,42,000 रुपये ग्रेच्युटी का भुगतान रोक लिया। कोर्ट ने कहा कि दोषी करार दिए बगैर विभाग को वित्तीय हानि के आधार पर किसी सरकारी कर्मचारी का ग्रेच्युटी या बकाया वेतन भुगतान नहीं रोका जा सकता।
कोर्ट ने जांच रिपोर्ट को विभागीय जांच नहीं माना और उप निदेशक राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद का आदेश रद्द कर दिया। याची ने सातवें वेतन आयोग के तहत बकाया वेतन व ग्रेच्युटी का 10 प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान की मांग में याचिका की थी।