दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2018 से 2020 के बीच मालखाने से 70,772.48 किलोग्राम हेरोइन के गायब होने का आरोप लगाने वाली याचिका पर केंद्र सरकार का रुख जानना चाहा है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने बी आर अरविंदाक्षन द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया और केंद्र से चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
पेशे से पत्रकार याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि 2018 से 2020 तक देश में दवाओं की जब्ती के संबंध में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट और गृह मंत्रालय के आंकड़ों के बीच भारी विसंगति है। अदालत ने बुधवार को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘उन्होंने (याचिकाकर्ता) कहा है कि 2018 और 2020 के बीच कुल मिलाकर 70,772.48 किलोग्राम हेरोइन मालखाने से गायब हो गई है। नोटिस जारी करें। चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल किया जाए।’
याचिकाकर्ता ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग पांच लाख करोड़ रुपये मूल्य की 70,000 किलोग्राम से अधिक हेरोइन का ‘भयानक रूप से गायब होना’ राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक स्थिरता और आर्थिक नतीजों को लेकर चिंताएं बढ़ाता है।
याचिका में कहा गया है कि ‘विसंगति’ की भयावहता इतनी बड़ी है कि अगर इसे तुरंत हल नहीं किया गया तो इससे समाज में अराजकता फैल सकती है, लेकिन इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
याचिका के अनुसार, ‘याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा है कि भारत में जब्त की गई पांच लाख करोड़ रुपये की 70,772।54 किलोग्राम हेरोइन गायब हो गई है, इसलिए मंत्रालय पर जोर दिया गया है कि देश की सुरक्षा और कल्याण के लिए तत्काल जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।” याचिकाकर्ता ने ब्योरे के बेमेल होने के संबंध में कई दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है, जिसमें गृह मंत्रालय को एक निर्धारित समय अवधि में जांच के आदेश देने का निर्देश भी शामिल है। मामले की अगली सुनवाई नौ सितंबर को होगी।