दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को ख़ारिज कर दिया है। इस याचिका में आंजनेय सिंह की अवैध पोस्टिंग और आगे के विस्तार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया हैं। आंजनेय सिंह वहीं अधिकारी हैं जिन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराने में अहम भूमिका निभाई थी।

इस मामले पर एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ये स्थापित कानून है कि जनहित याचिका सेवा मामले में सुनवाई योग्य नहीं है। ये केवल गैर-नियुक्त व्यक्ति ही सफल उम्मीदवार/अधिकारी की नियुक्ति की वैधता या विस्तार पर हमला कर सकते हैं।

हाईकोर्ट ने कहा कि वर्तमान रिट याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है। इसे खारिज किया जाता है। दरअसल आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ ये याचिका विजय कुमार ने लगाई थी। याचिकाकर्ता ने इस में केंद्र सरकार को आंजनेय कुमार सिंह के अभ्यावेदन पर विचार करने और समय बद्ध तरीक़े से निर्णय लेने  और विस्तार इस आधार पर अवैध है कि यह अखिल भारतीय सेवा नियम और भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग नियम के प्रावधानों के विपरीत है।

आंजनेय सिंह की प्रतिनियुक्ति साल 2015 से यूपी में ही है और उनकी पोस्टिंग के साथ-साथ उनका एक्सटेंशन भी अखिल भारतीय सेवा नियम 6(2) (ii) और संबंधित कैडर के खंड 15 और 16 के खिलाफ है। उनकी अवैध पोस्टिंग के खिलाफ कार्रवाई की मांग थी, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।

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