मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और इंदौर भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय की मुसीबत बढ़ सकती है। दरअसल, खरगोन जिले में 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था। विजयवर्गीय ने इसे खरगोन का वीडियो बताते हुए अल्पसंख्यक वर्ग पर टिप्पणी भी की थी। इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता और इंदौर के नेता अमिनुल सूरी ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तिलक नगर पुलिस को 90 दिन में जांच कर मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
कांग्रेस नेता डॉ. अमिनुल सूरी ने 2022 को तिलक नगर थाने में पूरे मामले की शिकायत की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा था कि कैलाश विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तेलंगाना के वीडियो को खरगोन का बताया और इसका जो कैप्शन दिया वह अल्पसंख्यकों को भड़काने व शांति भंग करने वाला है। सूरी की इस शिकायत के साल भर बाद भी पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया, तो उन्होंने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका की सुनवाई के दौरान इंदौर हाईकोर्ट ने पुलिस को 90 दिनों के अंदर जांच कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
खरगोन की इसी हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी पुलिस ने भोपाल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, सतना, इंदौर, बैतूल आदि जिलों में 9 केस दर्ज किए। तब दिग्विजय ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था, जिसका कैप्शन था कि क्या खरगोन प्रशासन ने हथियारों के साथ जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? सिंह के खिलाफ इस वीडियो की शिकायतों में इसे बिहार का बताया गया था।