झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद राज्य में भी ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने छह सदस्यीय टीम को अध्ययन के लिए मध्य प्रदेश (एमपी) भेजा है। जानकारी के अनुसार, एमपी में ट्रिपल टेस्ट के तहत नगर निकाय और पंचायत चुनाव हुए थे। आयोग की टीम एमपी में अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगी और राज्य सरकार को सौंपेगी। उसी के आधार पर झारखंड में भी ट्रिपल टेस्ट शुरू किया जा सकेगा।

आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि आयोग के सदस्य केशव महतो कमलेश, लक्ष्मण यादव और नंदकिशोर मेहता के साथ तीन अवर सचिव स्तर के अधिकारी भी एमपी गये हैं। वे अलग-अलग जिलों में अध्ययन करेंगे। श्री प्रसाद ने कहा कि हमलोग कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्रिपल टेस्ट के लिए प्रतिबद्ध हैं, जल्द ही आयोग इसे पूरा करना चाहता है।

15वें वित्त आयोग से मिलनेवाला 1600 करोड़ का अनुदान फंसा
बता दें कि राज्य में नगर निकाय चुनाव में विलंब का खामियाजा विकास कार्यों पर पड़ रहा है। नगर निकाय चुनाव नहीं होने की वजह से 15वें वित्त आयोग की ओर से मिलने वाले अनुदान से राज्य को वंचित होना पड़ रहा है। 15वें वित्त आयोग से झारखंड सरकार को लगभग 1600 करोड़ रुपये का अनुदान फंस गया है।

यह राशि राज्य के शहरों का विकास व नागरिक सुविधाएं विकसित करने के लिए राज्य को मिलनी है। मालूम हो कि राज्य के 13 नगर निकायों में तीन वर्षों से अधिक समय से और शेष निकायों में गत साल अप्रैल महीने से नगर निकाय चुनाव लंबित है। वर्तमान में नगर निकायों का संचालन जनप्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक पदाधिकारियों के माध्यम से कराया जा रहा है। जिससे निकाय प्रशासन में जनता की कोई भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो पा रही है।

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