हाईकोर्ट ने राम रहीम के करीबी और डेरा सच्चा के पूर्व प्रवक्ता पवन इंसा को बड़ा झटका देते हुए उसके खिलाफ पंचकूला में दर्ज ED के मामले को रद्द करने से इन्कार कर दिया है। पंचकूला हिंसा के लिए धन जुटाने को लेकर ED ने पवन इंसा व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिसे याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई थी।

याचिका दाखिल करते हुए पवन इंसा ने हाईकोर्ट को बताया कि राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में 25 अगस्त 2016 को दोषी करार दिया गया था। इसके बाद पंचकूला में हिंसा हुई थी और दंगे की साजिश रचने को लेकर सेक्टर 5 थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।

याची पर आरोप है कि इस हिंसा के लिए धन की व्यवस्था का इंतजाम उसने किया था और इसी पक्ष की जांच के लिए ED ने अपनी कार्रवाई शुरू की थी। ED यह जांच कर रही है कि हिंसा के लिए धन कहां से आया था। याची ने कहा कि पुलिस की एफआईआर में उसके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं और ऐसे में उसके खिलाफ यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि ED की कार्रवाई और पुलिस की जांच दोनों अलग हैं।

ED के दर्ज किए गए केस में सीआरपीसी के सेक्शन 482 के तहत मामला रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल नहीं की जा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि तकनीकी आधार पर ही यह याचिका सुनवाई के लिए वैध नहीं है और ऐसे में याची को कोई राहत नहीं दी जा सकती है। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने ED की कार्रवाई को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page