नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की हाल की 68 हाई कोर्ट जजों की सिफारिश में 12 नामों पर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम आमने सामने है। प्रक्रिया के मुताबिक कॉलेजियम की सिफारिशों के बाद केंद्र को इन सभी नामों की नियुक्ति पर विचार करना होता है। हालांकि, केंद्र सरकार इनकी नियुक्ति को लंबे समय तक टाल सकती है, लेकिन कोर्ट ने इसके लिए भी कहा था कि नियुक्तियां जल्द से जल्द होनी चाहिए।


एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार को कॉलेजियम की सिफारिशों में 12 नामों से दिक्कत है। इसमें तीन न्यायिक अधिकारी के साथ-साथ नौ वकीलों के नाम भी  हैं। कॉलेजियम ने जिन तीन न्यायिक अधिकारियों के नाम फिर से दोहराएं हैं, उन तीनों की पहले भी 4 फरवरी को आठ अन्य न्यायिक अधिकारियों के साथ सिफारिश की गई थी, केंद्र ने मार्च में उस लिस्ट में से 7 जजों को अपॉइंट किया था।


हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 12 हाईकोर्ट के लिए 68 नामों की सिफ़ारिश की है, इसमें सबसे ज़्यादा इलाहाबाद हाई कोर्ट से 16 नाम है, जिसमें 13 अधिवक्ता और 3 न्यायिक अधिकारी है। राजस्थान हाईकोर्ट में 3 अधिवक्ता  और 3 न्यायिक अधिकारी, कलकत्ता हाईकोर्ट के लिए 2 अधिवक्ता और 4 न्यायिक अधिकारी, झारखंड के लिए 5 न्यायिक अधिकारी, केरल के लिए 4 अधिवक्ता और 1 न्यायिक अधिकारी, मद्रास हाई कोर्ट के लिए 4 अधिवक्ता, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के लिए एक अधिवक्ता , जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के लिए 2 न्यायिक अधिकारी, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के लिए 1 अधिवक्ता और 1 न्यायिक अधिकारी तथा गुवाहाटी हाई कोर्ट के लिए 3 अधिवक्ता और 2 न्यायिक अधिकारी की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने की थी।

साथ ही राजस्थान, कलकत्ता, कर्नाटक और जम्मू एंड कश्मीर हाई कोर्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कुल 9 नामों की दोबारा संस्तुति की है।

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