गवाहों के बयान अदालत के समक्ष दर्ज किए गए थे। अप्रूवर के बयानों और माफी देने पर सवाल उठाना न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने जैसा होगा। जांच किसी व्यक्ति के सुविधा के अनुसार नहीं चल सकती है। जांच के दौरान किसी के घर जा सकती है।

  • गिरफ्तारी की वैधता पर HC ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी और रिमांड के कानून पर विचार करते हुए केजरीवाल की गिरफ्तारी की जांच करनी होगी।
  • केजरीवाल की चुनाव की घोषणा के बाद हुई गिरफ्तारी वाले तर्क पर कहा कि इस तर्क को स्वीकार करने का मतलब होगा कि अगर चुनाव के समय गिरफ्तारी नहीं हुई होती तो इसे चुनौती नहीं दी जा सकती थी।
  • कोर्ट ने कहा कि ED के पास बहुत सारे सबूत हैं। इसमें हवाला डीलरों के बयान, अप्रूवर्स के बयान, इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सदस्यों के बयान भी मैजूद हैं, जिन्होंने कहा है कि उसे गोवा चुनाव में खर्च के लिए पैसे दिए गए थे। यह गोवा चुनाव के संबंध में मनी ट्रेल को पूरा करता है। केजरीवाल की गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है और दिल्ली मुख्यमंत्री के रिमांड को अवैध नहीं कहा जा सकता है।
  • हाईकोर्ट ने कहा याचिकर्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में गिरफ्तार हुए है। मुख्यमंत्री समेत किसी को भी कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही मुख्यमंत्री क्यों न हो, उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है।
  • हाईकोर्ट ने केजरीवाल की उस दलील को भी नकार दिया कि उनसे पूछताछ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकती थी। हाईकोर्ट ने कहा ED गिरफ्तारी का समय तय करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page