छत्तीसगढ़ । कोरबा के दो वकीलों को राजकोट जिले के सोमनाथ गिर से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोनो वकील भाई नकली आईएएस बनकर सरकारी सुविधाओं का लुत्फ़ उठा रहे थे. दोनो आरोपी सोमनाथ मंदिर में वीआईपी दर्शन की मांग करते हुए पकड़े गए हैं। जानकारी के अनुसार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोरबा के वकील शरद पांडेय व उसके भाई रवि पांडेय के साथ रायपुर से फ्लाइट से अहमदाबाद गईं हुईं थीं। वहां उनके साथ गए वकील शरद पांडेय ने रेल्वे के गेस्ट हाउस में जा कर खुद को रेल्वे का डीसीएम होना बता कर रूम बुक करवा लिया।
इसके बाद मंदिरों के शहर द्वारिका में शरद व उसका भाई रवि आईएएस बन कर घूमते रहे और जगह जगह खुद को आईएएस अधिकारी बता कर धौस जमाते रहे और सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के साथ ही मंदिरों में वीआईपी दर्शन करते रहे। पुलिस के अनुसार शरद पांडेय ने गिर सोमनाथ के कलेक्टर से मिल कर खुद को हाइकोर्ट का जज बताया था और कुछ ही दिनों में प्रमोशन हो कर सुप्रीम कोर्ट का जज बन जाना बताया था। शरद ने दो वकीलों के साथ सोमनाथ मंदिर में दर्शन करने आना बताया और वीआईपी गेस्ट हाउस के साथ ही घूमने के लिए सरकारी गाड़ी व प्रोटोकाल अफसर को व्यवस्था करने की बात कही थी। एसा ही एक फोन शरद द्वारा एसडीएम को किया गया। अफसरों ने संदिग्ध प्रतीत होने पर इसकी सूचना पुलिस को दी।
गिर सोमनाथ के एडिशनल एसपी ओम प्रकाश जाट ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि संदिग्ध अफसरों की तलाश की ही जा रही थी। ईसी बीच द्वारिका पुलिस से जानकारी मिली कि दो लोग अपने आप को आईएएस बता कर वीआइपी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। सूचना पर एडिशनल एसपी ओमप्रकाश जाट ने अपनी टीम भेजी। टीम ने उक्त दोनों युवकों को पकड़ कर उनसे उनकी आईडी कार्ड मांगी। पर दोनो युवक कोई आईडी कार्ड पेश नही कर सकें। दोनो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई जिसमें दोनो ने फर्जी आईएएस बनने की बात कबूल कर ली। दोनो भाईयो शरद व रवि के खिलाफ धारा 170,419,114 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया हैं। वही एडीशनल एसपी ओमप्रकाश जाट ने बताया कि महिला जज ने कही भी अपने आप को फर्जी आईएएस नही बताया और न ही कही भी अपनी गलत पहचान नही बताई, लिहाजा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई हैं।