छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेडी टू ईट वितरण का काम स्व सहायता समूह से छीनने के राज्य शासन के आदेश पर  अंतरिम रोक लगा दी हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद स्व सहायता समूह आगामी सुनवाई तक बिना किसी बाधा के कार्य कर सकेंगी। हाईकोर्ट ने 3 और 4 मार्च को इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिए रखा है।

दरअसल, राज्य सरकार ने रेडी टू ईट वितरण का काम को केंद्रीयकृत कर दिया है। पहले इसे महिला स्व सहायता समूह करते थे। शासन के इस निर्णय के खिलाफ 5 महिला स्व सहायता समूहों ने जनहित याचिका दायर की है। इसके साथ ही अलग-अलग स्व सहायता समूह की ओर से करीब 230 याचिकाएं लगाई गई हैं।

20 हजार महिलाएं हो जाएंगी बेरोजगार

याचिका में बताया गया है शासन के इस फैसले से प्रदेश के करीब 20 हजार महिलाओं का रोजगार छिन जाएगा। याचिका में कहा गया है कि पिछले 15-20 साल से महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं रेडी टू ईट के कार्य का बेहतर संचालन कर रही है। अभी तक उनके माध्यम से ही आंगनबाड़ी केंद्रों और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार तैयार किया जाता रहा है। उनके कार्यों में कभी कोई शिकायत भी नहीं रही है।


कैबिनेट ने लिया फैसला

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किये जाने वाली रेडी टू इट को अब ऑटोमैटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है। 22 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। शासन का मानना है कि इससे आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page