जोधपुर के झालामंड चौराहे पर सोमवार सुबह जाम लगने पर संज्ञान लेते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार सुबह न्यायिक कार्यवाही शुरू होते ही जिला कलक्टर और पुलिस आयुक्त को तलब किया। कहा कि जुलूस, धरने और धार्मिक समारोहों के नाम पर हाईकोर्ट की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध न किया जाए। साथ ही इस याचिका को एक जनहित याचिका के रूप में पंजीकृत करने और इसे मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि भविष्य में जनता की आस्था का सम्मान रखते हुए यातायात सुचारू रखने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।
यह न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप के समान है
न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकल पीठ ने कहा कि आज पूरा देश अयोध्या स्थित राम मंदिर का ‘प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव’ मना रहा है। वास्तविक उत्सव तब होगा जब समाज उन आदर्शों, गुणों का सम्मान और अनुसरण करेगा जिन्हें भगवान ‘राम’ ने अपनाया और जिनकी आदर्श मर्यादा पुरूषोत्तम राम के रूप में पूजा की जाती है। पीठ ने कहा कि कोर्ट आते समय देखा गया कि कुछ लोगों ने झालामंड सर्किल एवं हाईकोर्ट की ओर जाने वाले पूरे रास्ते को बैरिकेड्स और बैरियर लगाकर बंद कर दिया है, जिससे अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई और सड़क पर पूरी तरह से जाम लग गया। जबकि यह मुख्य राजमार्ग है, जो शहर को हाईकोर्ट, न्यायिक अकादमी तथा पाली व सिरोही आदि से जोड़ता है।
कोर्ट ने पाया कि ऐसे अवरोध के कारण कई वकीलों, हाईकोर्ट के कर्मचारियों और यहां तक कि न्यायाधीशों के लिए समय पर कोर्ट पहुंचना मुश्किल ही नहीं असंभव था। हाईकोर्ट को जोड़ने वाली सड़क को अवरुद्ध करना, न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप के समान है। यह विडंबना है कि जहां भगवान राम ने लंका तक पहुंचने के लिए एक पुल बनाया था, वहीं लोगों ने रास्ता अवरुद्ध कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप पूरी तरह से सड़क अवरुद्ध हो गई और गतिरोध पैदा हो गया। अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी के साथ कोर्ट में पेश हुए जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल और पुलिस आयुक्त रविदत्त गौड़ ने कहा कि झालामंड सर्कल और संबंधित सड़क को खोल दिया गया है।