भारतीय सेना के अधिकारियों के एक वर्ग को 20 वर्ष बाद सर्वोच्च न्यायालय से न्याय मिला। इसके तहत अब चलामा बकलोह के बिक्रम जंग थापा लेफ्टिनेंट कर्नल बने हैं। इसके अलावा देश भर के 204 सेवानिवृत्त अधिकारियों को लाभ मिला है। इन सभी अधिकारियों की उम्र 70 से 75 वर्ष के बीच है। सेवानिवृत्ति के इतने दिनों बाद पदोन्नति होने पर इन अधिकारियों ने रक्षा मंत्री और केंद्र सरकार का आभार प्रकट किया।

थापा ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार सेना के मेजर के पद से सेवानिवृत्त अधिकारियों को जो सेवा के दौरान भारतीय सेना की ओर से गठित अजय विक्रम सिंह कमेटी की अनुशंसा के अनुसार लेफ्टिनेट कर्नल के पद पर पदोन्नति के लिए पात्र हैं।  रक्षा मंत्रालय ने 16 दिसंबर 2004 को इसमें भारतीय सेना में लागू भी किया। दुर्भाग्यवश किसी तकनीकी त्रुटि के कारण रेजिमेंटल कमीशन अधिकारियों को इसका लाभ नहीं मिला।

अब सर्वोच्च न्यायालय ने रक्षा मंत्रालय की अपील को खारिज करते हुए आदेश दिया कि इन अधिकारियों को 16 दिसंबर 2004 से लेफ्टिनेट कर्नल के पद पर पदोन्नत करते हुए उन्हें पेंशन और एरियर सहित सभी लाभों का भुगतान 6 माह के भीतर किया जाए।

तलमेहड़ा के रघुवीर रिटायरमेंट के 16 साल बाद बने लेफ्टिनेंट कर्नल 
ऊना जिले के गांव तलमेहड़ा में जन्मे होनहार रघुवीर सिंह अपनी लगन और मेहनत के दम पर दिसंबर 1996 में कमीशन प्राप्त कर लेफ्टिनेंट बने। वहीं, 31 दिसंबर 2008 को बतौर मेजर सेवानिवृत्त हुए, जबकि इन्हें लेफ्टिनेंट कर्नल पद पर होना चाहिए था। तकनीकी खामियों के कारण यह अन्याय रेजीमेंट कमिशन के अन्य सभी 204 अधिकारियों के साथ हुआ था। न्याय न मिलने के कारण न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

वहीं, एक लंबी लड़ाई के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इन सभी अधिकारियों के हक में फैसला दिया और यह रिटायरमेंट के 16 साल बाद लेफ्टिनेंट कर्नल बने।  पूर्व सैनिक राजिंद्र शर्मा ने बताया कि पूर्व डिप्टी डायरेक्टर जिला सैनिक बोर्ड और पूर्व प्रभारी ईसीएचएस ऊना रहे मेजर रघुवीर सिंह के 2009 से लेफ्टिनेंट कर्नल बनने की खबर सुनते ही पूर्व सैनिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। इंडियन एक्स सर्विस लीग के अध्यक्ष शक्ति चंद, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर यशपाल, सेवा परिषद के जिला अध्यक्ष डॉ. बलदेव डोगरा,  एसपी शर्मा, पूर्व नौसैनिक कल्याण संघ के प्रधान ओमप्रकाश शर्मा समेत अन्य सभी पूर्व सैनिकों ने खुशी जाहिर की है।

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