हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच में न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने अल्पसंख्यक समुदाय के स्कूल की मान्यता समाप्त किए जाने के मामले में जवाब मांग लिया है। इस सिलसिले में स्कूल शिक्षा सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग, आदिवासी विकास विभाग व कलेक्टर सागर सहित अन्य काे नोटिस जारी किए गए हैं। कोर्ट ने आगामी आदेश तक कठोर कार्रवाई न किए जाने की अंतरिम राहत भी दी है। याचिकाकर्ता ने शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों को प्रवेश न दिए जाने का आरोप लगाते स्कूल की मान्यता निरस्त किए जाने की कार्रवाई को चुनौती दी है।
नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा नोटिस जारी किया
याचिकाकर्ता मौलाना आजाद मिडिल स्कूल, सागर की ओर से पक्ष रखा गया। दलील दी गई कि मध्य प्रदेश निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम-2011 के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया था कि 15 दिनों में जवाब प्रस्तुत न करने पर एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए स्कूल की मान्यता निरस्त कर दी जाएगी।
जवाब से असंतुष्ट होने पर निरीक्षण किया जाना था
कायदे से नियमों का उल्लंघन के परिपालन के संबंध में स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी करना चाहिए था। स्कूल प्रबंधन के जवाब से असंतुष्ट होने पर निरीक्षण किया जाना था। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मान्यता समाप्त करने संबंधित कार्यवाही की जानी चाहिए थी। लेकिन निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ही सीधे मान्यता समाप्त करने का नोटिस जारी करना अवैधानिक है।