केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के साथ कुछ जानकारी साझा करने की बात कही है। केंद्र ने गुरुवार को कहा कि देश के कई उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर कॉलेजियम की सिफारिशों के बारे में अगले सप्ताह कुछ जानकारी उपलब्ध कराएंगे। दरअसल हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम ने सिफारिश की है, लेकिन कई नामों को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। जिस पर झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है, लेकिन अब केंद्र ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की है और एक सप्ताह बाद याचिका पर सुनवाई करने की मांग की है।

झारखंड की हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो सरकार ने न्यायमूर्ति एम एस रामचंद्र राव को झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश को मंजूरी नहीं देने के लिए केंद्र के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है। इससे पहले, अटॉर्नी जनरल ने 13 सितंबर को पीठ को बताया था कि केंद्र सरकार को कुछ ‘संवेदनशील सामग्री’ मिली है, जिसके कारण उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर शीर्ष न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिशों के कार्यान्वयन में देरी हुई है। सीजेआई की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने 11 जुलाई को दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, केरल, मध्य प्रदेश, मद्रास और मेघालय जैसे सात उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र को नामों की सिफारिश की थी। सिफारिशें केंद्र के पास मंजूरी के लिए लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 जुलाई को मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित अपने 11 जुलाई के प्रस्ताव में बदलाव किया। ऐसी अटकलें थीं कि कॉलेजियम के 11 जुलाई के प्रस्ताव में बदलाव जाहिर तौर पर केंद्र द्वारा कॉलेजियम के साथ कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के बाद हुआ।

सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित किया गया हेल्थ कैंप

सुप्रीम कोर्ट परिसर में गुरुवार को हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप का आयोजन सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और रोटरी क्लब ने मिलकर किया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस स्वास्थ्य कैंप का उद्घाटन किया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल भी मौजूद रहे। कैंप के उद्घाटन पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इससे वकीलों और क्लर्कों को फायदा होगा और वे अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा जागरुक बनेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के फैसले के खिलाफ सीमा शुल्क विभाग की समीक्षा याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सीमा शुल्क विभाग की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें 2021 के अपने फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के फैसले में कहा था कि राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों को  जिसमें कहा गया था कि सीमा शुल्क विभाग द्वारा पहले ही मंजूर कर लिए गए सामान पर राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों को शुल्क की वसूली की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है।

चार दिनों तक चली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेवी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सीमा शुल्क विभाग की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन वेंकटरमन और मामले में निजी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के नेतृत्व में वकीलों के एक समूह की दलीलें सुनीं। आमतौर पर, निर्णयों के खिलाफ समीक्षा याचिकाओं पर न्यायाधीशों द्वारा चैंबर में विचार किया जाता है और कोई मौखिक दलीलें स्वीकार नहीं की जाती हैं। हालांकि, सीमा शुल्क विभाग की समीक्षा याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई हुई।

एएसजी वेंकटरमन ने 2021 के फैसले को खारिज करने की जोरदार मांग करते हुए कहा कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों को भी सीमा शुल्क अधिनियम के तहत आयात के लिए पहले से ही मंजूरी प्राप्त वस्तुओं पर शुल्क की वसूली की मांग करने का अधिकार है। कानूनी अधिकारी ने कहा, ‘आज का डीआरआई अधिकारी कल सीमा शुल्क अधिकारी हो सकता है।

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