नई दिल्ली: चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT पर्चियों के EVM मशीन से 100 फीसदी मिलान कराने की मांग वाली पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि याचिका में दिए गए आधार पर विचार करने के बाद हमारा य़ह मानना है कि 26 अप्रैल के फैसले पर पुनर्विचार का कोई मामला नहीं बनता।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल इसी 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने VVPT और EVM मशीन की पर्चियों का 100 फीसदी मिलान करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही याचिका में चुनाव को बैलट पेपर से कराए जाने की भी मांग की गई थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। पुनर्विचार याचिका अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने पहले भी इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की थी।

याचिकाकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल ने अपनी पुनर्विचार याचिका में तर्क दिया था कि 26 अप्रैल के निर्णय में गलतियां थीं। जिसके बाद समीक्षा याचिका में कहा गया कि मतगणना हॉल की मौजूदा सीसीटीवी निगरानी सुनिश्चित करेगी कि VVPT पर्चियों की गिनती में गड़बड़ी न हो।

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