मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में शिवसेना के रवींद्र वायकर की जीत को लेकर शुरु हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह मामला इतना बढ़ गया है कि अब एक निर्दलीय उम्मीदवार ने शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया और लोकसभा चुनाव में शिवसेना के रवींद्र वायकर की जीत को चुनौती दी। वायकर ने निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना (यूबीटी) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अमोल कीर्तिकर से 48 मतों के अंतर से चुनाव जीता था।
शाह ने लगाया मतगणना में गड़बड़ी का आरोप
जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव परिणाम चार जून को घोषित किया गए थे। हिंदू समाज पार्टी के शाह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उन्होंने उनके निर्वाचन क्षेत्र में पड़े 9,54,939 मतों में से 937 वोट प्राप्त किए। शाह ने मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पराजित उम्मीदवार भरत शाह ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के नतीजे को अमान्य घोषित करने की मांग की।
निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम का दुरुपयोग
शाह ने अपनी याचिका में कथित धोखाधड़ी की जांच के लिए निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए जाने का भी आग्रह किया। शाह ने दावा किया कि शुरुआत में कीर्तिकर आगे थे लेकिन बाद में वायकर केवल 48 मतों के अंतर से विजयी हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम का दुरुपयोग किया गया।
लोकसभा महासचिव को लिखा था पत्र
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भरत शाह ने लोकसभा महासचिव को पत्र लिखा था और 48 वोट से चुनाव जीतने वाले शिवसेना के रवींद्र वायकर को सांसद के तौर पर शपथ न दिलाने की अपील की थी। शाह ने अपने पत्र में दावा किया कि मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में मतदान और मतगणना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 के अनुरूप स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थी और न ही आदर्श आचार संहिता के अनुरूप थी। उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा था कि यह उचित होगा कि रवींद्र वायकर को संसद सदस्य के रूप में अनुच्छेद 99 के तहत शपथ लेने की अनुमति न दी जाए, जिससे भारत में मतदाताओं का विश्वास बना रहे।