उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में जो भी श्रद्धालु आते हैं वह अपने साथ महाकालेश्वर मंदिर का प्रसिद्ध लड्डू ले जाना नहीं भुलते हैं। लेकिन लड्डू किलो पैकेट है। उसको लोग कचरा में या डस्टबिन में फेंक देते हैं जिससे आस्था के साथ खिलवाड़ होता है। इसे लेकर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। अब कोर्ट ने महाकालेश्वर प्रबंधक समिति को कहा है कि 3 महीने में मामले का निराकरण करें। अब मंदिर समिति याचिकाकर्ता के आवेदन को समिति में रख कर जल्द ही निर्णय लेगी।

महाकाल मंदिर के लड्डू के पैकेट पर भगवान का फोटो है। श्रद्धालुओं द्वारा उपयोग होने के बाद इसे कचरे में फेंक दिया जाता है। इस बात को लेकर इंदौर हाईकोर्ट की डबल बेंच में 19 अप्रैल को महंत सुखदेवानंद ब्रह्मचारी गुरु श्रीमहंत योगानंद जी, ब्रह्मचारी श्री शंभु पंच अग्नि अखाड़ा, छत्रीबाग, इंदौर और पंडित शरद कुमार मिश्र गुरु श्री स्वामी राधाकान्ताचार्य जी महाराज श्री दुर्गाशक्ति पीठ, महू जिला इंदौर ने उज्जैन के महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी के पैकेट पर महाकाल मंदिर ओम्कारेश्वर मंदिर और ॐ छापने को लेकर याचिका लगाई थी।

कोर्ट पहुंचा मामला
महाकाल मंदिर के याचिकाकर्ता के वकील अभीष्ट मिश्र ने बताया कि उज्जैन महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी के पैकेट में छपे फोटो को भक्त उपयोग करने के बाद फेंक देते है। वहीं फोटो सड़क पर कचरे के ढेर में मिलता है जिससे सनातन धर्म का अपमान होता है। इसी को लेकर हमने पहले दो बार महाकाल मंदिर समिति को आवेदन दिया, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी।

इसके बाद 11 अप्रैल को संत महाकाल मंदिर में प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने गए थे और इन सभी विषय पर बात हुई थी। वहीं हमें आश्वासन दे दिया था। फिर हमने 19 अप्रैल को इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई जिस पर 24 अप्रैल को सुनवाई हुई। वहीं कोर्ट में हमने हमारा पक्ष रखा जिस पर कोर्ट ने माना कि हमारा द्वारा लगाई याचिका सही है। कोर्ट ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को 3 माह का समय देकर मामले में निराकरण करने को कहा है।

उज्जैन महाकाल मंदिर के प्रशासक मृणाल मीणा ने कहा कि कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपना आवेदन मंदिर समिति के समक्ष रखने और मामले में 3 महीने में निराकरण करने का कहा है। इस पर हम याचिकाकर्ता के आवेदन आने के बाद समिति में इसे रखकर निर्णय लेंगे।

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