आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हे अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान हुई कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप विधायक ने अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था। जिसपर कोर्ट का कहना है कि उन्हें गिरफ्तारी से पहले राहत नहीं दी जा सकती। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे समन पर एजेंसी के समक्ष पेश नहीं होने को लेकर उन्हें फटकार लगाई। जिसके बाद खान ने कहा कि वह 18 अप्रैल को ईडी की जांच में शामिल होंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने खान को अनियमितता के मामले में 18 अप्रैल को सुबह 11 बजे ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा। पीठ ने मामले की योग्यता के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट के 11 मार्च के फैसले में की गई कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जताई और कहा कि इसका केस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ओखला विधायक ने मामले में अग्रिम जमानत के लिए दाखिल उनकी याचिका एक मार्च को निचली अदालत द्वारा खारिज किए जाने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
ईडी ने हाल ही में जो चार्जशीट दाखिल किया उसमें खान को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया था। एजेंसी ने अपनी अभियोजन शिकायत में पांच लोगों को नामित किया है जिसमें खान के तीन कथित सहयोगी – जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी शामिल हैं। ईडी का कहना है कि कर्मचारियों की अवैध भर्ती, 2018-2022 के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर आरोपियों को इसका गलत तरीके से फायदा मिला, इस दौरान खान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे। एजेंसी का कहना है कि ईडी रेड के दौरान फिजिकल और डिजिटल सबूत के रूप में कई मैटेरियल जब्त किए गए, जो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में खान की संलिप्तता का संकेत देते हैं।