इंग्लिश जैसे विषय भी पढ़ाए जाते हैं।

सिंघवी ने कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए तर्क दिया कि भारत में हरिद्वार और ऋषिकेश जैसी जगहों पर कई प्रसिद्ध गुरुकुल हैं, जो वर्तमान में अच्छा काम भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने वहां से डिग्री भी ली है। ऐसे में क्या उन गुरुकुल को भी ये कहकर बंद किया जा सकता है कि वहां धार्मिक शिक्षा दी जा रही है?

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
इस मामले की सुनवाई कर रहे सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मदरसा कानून के प्रावधानों की जो व्याख्या की है वो गलत है, क्योंकि मदरसा धार्मिक शिक्षा नहीं देता है।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अगर वाकई हाईकोर्ट मदरसा में पढ़ने वाले छात्रों के क्वालिटी एजुकेशन को लेकर चिंतित है तो इसका समाधान मदरसा कानून रद्द करने से नहीं होगा। ऐसा करने के बदले एक गाइड लाइन जारी की जानी चाहिए, ताकि छात्र क्वालिटी एजुकेशन से वंचित न रहें।

कब होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इन अपनी टिप्पणियों के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने उन याचिकाओं पर केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और मदरसा बोर्ड को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। इस पूरे मामले में जुलाई के दूसरे सप्ताह में फिर से सुनवाई होगी।

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