पेशे से एक सफल महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक, पढ़ी लिखी, जाने माने परिवार से संबंध रखने वाली प्रभा जैन (परिवर्तित नाम) को सुभाष (परिवर्तित नाम) से प्रेम विवाह करना इस कदर भारी पड़ा कि शादी से छुटकारा पाने के लिए उन्हें 14 साल तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। पैसा और भविष्य दोनों को दांव पर लगाकर अपने दांपत्य जीवन से बाहर आकर तलाक लेने के लिए उन्होंने जितना संघर्ष किया उसे सही ठहराते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट से हुए उनके तलाक के निर्णय को सही ठहराया।

महिला चिकित्सक की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एस. एस. गौमत बताते हैं कि अशोकनगर की रहने वाली प्रभा उन दिनों सागर के एक अस्पताल में अपनी प्रैक्टिस करती थीं, जब अपनी बहन का उपचार करवाने के बहाने से सुभाष उसके पास आने लगा। धीरे-धीरे दोस्ती हुई फिर उसने डाक्टर से शादी के लिए पूछा। उसकी हामी के साथ दोनों की शादी हो गई। कुछ समय बाद दोनों के झगड़े शुरू हो गए। सुभाष की मारपीट से परेशान होकर एक बार वह देश भी छोड़कर चली गई थीं लेकिन फिर भी सुभाष ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। परेशान होकर डाक्टर ने उससे तलाक लेने का निर्णय लिया। 12 साल केस चलने के बाद उसे तलाक मिला तो सुभाष ने फैमली कोर्ट के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। आखिर में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने डाक्टर के पक्ष में फैसला सुनाया।

झूठ बोलकर की थी शादी
अधिवक्ता गौतम बताते हैं कि शादी से पहले सुभाष ने खुद को CA बताया था। जब शादी हो गई तब पता चला कि वह CA नहीं है, फिर दिन पर दिन अलग-अलग झूठ बोलना शुरू कर दिया। सुभाष का पूरा ध्यान डाक्टर के पैसे हड़पने पर रहता था, जब इन बातों को लेकर विवाद बढ़ने लगा तो सुभाष ने मारपीट करना शुरू कर दिया। जब यह सहन नहीं हुआ तो महिला डाक्टर सागर से ओमान चली गई, लेकिन सुभाष वहां भी पहुंच गया और इसे परेशान करने लगा। वहां से आकर दादर नगर हवेली में जिस अस्पताल में काम करना शुरू किया वहां भी जाकर सुभाष ने अस्पताल प्रबंधन को धमकाना शुरू कर दिया। आखिरकार उसे नौकरी छोड़नी पड़ी।

12 साल बाद तलाक और 14 साल में मिला छुटकारा
महिला डाक्टर ने इस मामले में अशोकनगर फैमली कोर्ट में तलाक का आवेदन दिया। अशोकनगर फैमली कोर्ट ने सभी पक्षों को ध्यान मे रखते हुए सुनवाई की। 2010 में किए आवेदन पर सुभाष ने कई बार अटकलें लगाईं, 2012 में जाकर कहीं मामले में क्रूरता, हिंसा के आधार पर दंपती का तलाक स्वीकृत हुआ। इसे सुभाष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी तो हाईकोर्ट ने हर पहलू की जांच कर क्रूरता को आधार मानकर दिए तलाक के फैसले पर मुहर लगा दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page