पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट करे कि पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में पावर बैकअप की व्यवस्था है या नहीं।

यह मामला अस्पताल के आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर में बिजली आपूर्ति में बाधा के कारण कैंसर सर्जरी रुकने की घटना से जुड़ा है, जिसने मरीजों की सुरक्षा और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हाईकोर्ट की वकील सुनैना ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि बीते दिनों राजिंदरा अस्पताल, पटियाला में कैंसर सर्जरी के दौरान बिजली चली गई। इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक डॉक्टर बिजली गुल होने और मरीजों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते नजर आए। यह वीडियो एक प्रमुख साक्ष्य बन गया है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर इस घटना को गंभीर बताते हुए सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि राजिंदरा अस्पताल में निर्बाध बिजली आपूर्ति या स्टैंडबाय पावर सिस्टम की व्यवस्था है या नहीं। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागु व जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने सरकार को छह फरवरी तक इस मामले में जवाब दायर करने का आदेश दिया है।

बता दें कि बीते सोमवार को ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने राज्यभर के सभी मेडिकल कालेजों, सिविल अस्पतालों, सब-डिवीजनल अस्पतालों और ब्लॉक स्तर के अस्पतालों में बिजली आपूर्ति और अग्नि सुरक्षा का ऑडिट करने के आदेश जारी किए थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने सभी सिविल सर्जनों और मेडिकल सुपरिटेंडेंट्स के साथ बैठक के दौरान निर्देश दिए कि बिजली कटौती की स्थिति में सभी महत्वपूर्ण देखभाल इकाइयों जैसे ऑपरेशन थिएटर, लेबर रूम, इमरजेंसी, एसएनसीयू और एनआइसीयू में कम से कम 30 मिनट का यूपीएस पावर बैकअप उपलब्ध होना चाहिए।

इसके अलावा सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में डीजल की आवश्यक आपूर्ति के साथ पूरी तरह से कार्यशील जनरेटर सेट उपलब्ध होना चाहिए। जिससे मरीजों को परेशानी न हो।

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