राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य द्वार के बाहर वकीलों द्वारा पांच घंटे तक धरना दिया गया। वकीलों की मांग है कि पुलिस के द्वारा की जा रही मनमानी को बंद कराया जाए। धरने पर बैठे पीड़ित वकील ने बताया कि उनकी एक संपत्ति पर पुलिस की मिलीभगत से कब्जा किया जा रहा है।

पीड़ित वकील ने बताया, बार-बार पुलिस से अनुरोध करने के बाद भी पुलिस द्वारा पीड़ित पक्ष के साथ न्याय नहीं किया जा रहा है। इससे परेशान होकर पीड़ित वकील ने बार में शिकायत की और एक सामूहिक निर्णय के बाद धरना दिया।

पीड़ित एडवोकेट अभिषेक नथनी ने बताया कि जब तक उनकी प्रॉपर्टी से कब्जा खाली नहीं किया जाएगा। साथ ही संबंधित थानाधिकारी को सस्पेंड नहीं किया जाएगा, तब तक वकीलों का धरना जारी रहेगा। वकीलों के इस धरने में आमजन भी जुड़ने लग गया है। धरने पर उपस्थित शारदा एवं उर्वशी सिंह ने भी समान रूप से प्रताड़ना की बात करते हुए वकीलों के धरने को समर्थन देने की बात कही है।

एडवोकेट निशांत शर्मा ने कहा कि अगर प्रशासन इस पर जल्द ही कोई निर्णय नहीं लेता है तो कोर्ट का कार्य भी बाधित हो सकता है। आने वाले समय में वकील एकत्र होकर विधानसभा की तरफ भी कुछ कर सकते हैं एवं पूर्ण कार्य बहिष्कार भी किया जा सकता है।

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