मऊ जनपद में प्रधानाध्यापक का कार्य देख रहे इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों के बराबर वेतन दिया जायेगा। यह आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शिक्षकों की याचिका पर यह आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने 2 महीने के भीतर इसका अनुपालन करने का निर्देश भी सरकार को दिया है।

आपको बता दें कि परिषदीय विद्यालयों में कई वर्षों से पदोन्नति नहीं हुई है। प्रधानाध्यापक का समस्त कार्य इंचार्ज प्रधानाध्यापक से लिया जा रहा है। वेतन बढ़ोत्तरी से इंचार्ज प्रधानाध्यापकों में खुशी की लहर व्याप्त है।
कोर्ट के इस आदेश से मऊ जिले के 139 अध्यापकों को लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों को इंचार्ज बना कर प्रधानाध्यापक का सारा कार्य लिया जाता है ,जबकि इन्हें सहायक अध्यापक के बराबर ही वेतन दिया जाता है।

इसको लेकर जिले के इंचार्ज अध्यापकों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने समान वेतन समान कार्य के आधार पर इसकी मांग की थी।
याचियों के अधिवक्ता तेजप्रताप राय ने इस संबंध में बहस करते हुए कहा कि समान कार्य समान वेतन के आधार पर ये अध्यापक प्रधानाध्यापक पद के वेतन के हकदार हैं। उनको प्रधानाध्यापक पद का वेतन न दिया जाना संविधान का उल्लंघन है।

याचियों की इस मांग पर न्यायमूर्ति प्रकाश पांडिया ने सभी 139 इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक के बराबर वेतन देने का आदेश सभी बीएसए को दिया। इसके साथ ही पद भर ग्रहण करने के दिन से एरियर भुगतान करने का निर्देश भी दिया।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ संतोष कुमार उपाध्याय का कहना है कि अभी मामला उनके संज्ञान में नहीं है। जैसे ही कोई आदेश मिलता है हम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे।

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