दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) ने बुधवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में हैदराबाद स्थित व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई को जमानत दे दी है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने जमानत मंजूर की है। मामले में पिल्लई को प्रवर्तन निदेशालय ने 6 मार्च को गिरफ्तार किया था। ईडी और सीबीआई का यह दावा है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को संशोधित करते समय इसमें अनियमितताएं की गईं और अनुचित लाभ दिए गए।

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई आबकारी नीति लागू की थी लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे वापस ले लिया गया। ईडी ने दावा किया है कि पिल्लई को लेकर दावा किया है कि वह भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता कविता के करीबी सहयोगी थे। बताया जा रहा है कि जब आबकारी नीति बनाई और लागू की जा रही थी तब उसने अन्य आरोपियों के साथ बैठकों में साउथ ग्रुप का प्रतिनिधित्व किया था।

कविता को मिल चुकी है जमानत
साउथ ग्रुप कथित तौर पर शराब व्यवसायियों और राजनेताओं का एक कार्टेल है, जिनके बारे में दावा किया गया था कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 27 अगस्त को आबकारी नीति मामलों में कविता को भी जमानत दे दी थी।

सीएम केजरीवाल को जमानत का इंतजार
उधर, वरिष्ठ वकील मोहित माथुर और वकील नितेश राणा पिल्लई के लिए हाई कोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट ने हाल ही में इस केस में शराब कारोबारी समीर महेंद्रू और आप वॉलिंटियर चैनप्रीत सिंह रयात को जमानत दे दी है। बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल, और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष  सिसोदिया समेत कई अन्य आबकारी नीति मामलों में आरोपी हैं। सिसोदिया को जमानत मिल गई है लेकिन अभी अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में हैं।