मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें नगर निगमों की लापरवाही के कारण डेंगू के फैलने का आरोप लगाया गया है. याचिकाकर्ता विजय बजाज की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नगरीय निकायों की निष्क्रियता के चलते प्रदेश में डेंगू का प्रकोप भयावह रूप ले चुका है.
ये है मामला
अधिवक्ता संघ ने अपनी दलील में बताया कि प्रदेश के अस्पतालों की हालत चिंताजनक है. 10 सितंबर को ही जबलपुर के सरकारी और निजी अस्पताल पूरी तरह से भरे हुए थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि डेंगू के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इस वर्ष डेंगू वायरस का मजबूत वेरिएंट और भी घातक साबित हो रहा है, जिससे मृत्यु दर में भी इजाफा हो रहा है.
जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, नगर निगम आयुक्त भोपाल और जबलपुर को नोटिस जारी कर 10 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी.
ये आरोप भी लगाए
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि राज्य के नगर निगम फॉगिंग मशीनों का उचित उपयोग नहीं कर रहे हैं और कीटनाशकों का छिड़काव भी पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रहा है. यदि स्वच्छता बनाए रखी जाए और फॉगिंग मशीनों का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो डेंगू के प्रसार को रोका जा सकता है. याचिकाकर्ता ने नगर निगमों में व्याप्त भ्रष्टाचार को डेंगू की समस्या का एक बड़ा कारण बताया, जिससे आम जनता को असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ रही है. मध्य प्रदेश में डेंगू से होने वाली मौतों में विशेष रूप से युवाओं की संख्या बढ़ रही है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है.