सुप्रीम कोर्ट का फर्जी गिरफ्तारी वारंट दिखाकर करीब 90 लाख की साइबर ठगी की गई है। मामले में अहियापुर के दिनेश कुमार ने साइबर थाने में प्राथमिकी कराई है। इसमें कहा कि उनके खाते से 89.90 लाख रुपये की साइबर ठगी की गई है।
बताया कि साइबर फ्राड सुप्रीम कोर्ट का फर्जी अरेस्ट वारंट भेजकर उन्हें डराया। इसके बाद उनसे जानकारी लेकर उनके विभिन्न बैंक खाते में राशि उड़ा ली। मामला दर्ज कर पुलिस इसकी जांच कर रही है। बताया कि आठ जुलाई को मित्र के जूरन छपरा स्थित आवास पर थे।
कॉल पर 9 दबाते ही फर्जी ट्राई अफसर ने की बात
इसी क्रम में एक नंबर से आइवीआर कॉल आया। इसमें कहा कि उनके नंबर की सेवा समाप्त हो रही है। ग्राहक सेवा अधिकारी से बात करने के लिए नौ दबाने के लिए बोला। नौ दबाते ही काल एक व्यक्ति ने उठाया। उसने ट्राई (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) का अधिकारी बताकर कहा कि दो घंटे बाद उनका नंबर बंद हो जाएगा।
वॉट्सऐप पर किया वीडियो कॉल
उनके आधार नंबर से दूसरा सिम जारी होने की बात बताई। बोला कि उस सिम से अवैध मैसेज भेजा जा रहा है। इसको लेकर मुंबई के तिलक नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है। इसके बाद वॉट्सऐप पर एक वीडियो कॉल आया और पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति तिलक नगर थाने का पदाधिकारी बताकर उनका बयान दर्ज किया।
कहा कि आधार कार्ड पर केनरा बैंक में खाता खोला गया है। उसका प्रयोग नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस के लिए किया गया है। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी हुआ है। झांसे में लेने के बाद एक लिंक भेजा। इसपर क्लिक करते ही उन्हें एक पीडीएफ मिला।
कानूनी कार्रवाई और अरेस्ट वारंट का भय दिखाकर 247 बैंक खातों की सूची भेजी। इसके बाद कई बैंक खातों में 89 लाख 90 हजार रुपये स्थानांतरित करवा लिए। साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसनी सीमा देवी ने बताया कि मामला दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है।