कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर केस में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने तीन मुद्दों – CBI जांच रिपोर्ट, डॉक्टरों की हड़ताल और CISF जवानों की सुविधाओं पर सुनवाई की।

CBI की स्टेटस रिपोर्ट में कई बातें सामने आईं। कोर्ट ने कहा कि, FIR में 14 घंटे की देरी हुई है। वहीं कुछ जरूरी दस्तावेज भी गायब हैं। ऐसे में मामला गड़बड़ लगता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को मिसिंग डॉक्यूमेंट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया।

वहीं हड़ताल को लेकर कोर्ट ने डॉक्टरों से तुरंत काम पर लौटने को कहा है। CJI ने कहा, ‘अगर मंगलवार शाम 5 बजे तक डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ राज्य सरकार को कार्रवाई करने से नहीं रोका जा सकता। डॉक्टरों का पेशा ही मरीजों की सेवा करना है।’

उधर CISF जवानों की सुविधाओं पर कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव को आदेश दिया कि सभी जवानों को रहने के लिए घर मुहैया कराया जाए। ये जवान अस्पताल की सुरक्षा के लिए आए हैं। उनको अतिरिक्त सुरक्षा उपकरण भी दिए जाएं। मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।

2 मुद्दों पर कोर्ट रूम LIVE…

पहला मुद्दा- ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर पर CBI जांच की स्टेटस रिपोर्ट

CJI: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के घर के बीच कितनी दूरी है?

SG: 15 से 20 मिनट

CJI: अननैचुरल डेथ का केस कितने बजे रजिस्टर्ड हुआ।

SG: कृपया चार्ट देखें। आखिर वह हम सभी की बेटी है।

सिब्बल: डेथ सर्टिफिकेट दोपहर 1:47 बजे दिया गया। पुलिस स्टेशन में अननैचुरल डेथ की एंट्री दोपहर 2:55 बजे की गई।

CJI: क्या अननैचुरल डेथ नंबर 861 है?

सिब्बल: हां

CJI: घटनास्थल की जांच और सबूत कब जुटाए गए?

सिब्बल: रात 8:30 बजे से 10:45 बजे तक। यह शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने के बाद की बात है।

SG: लेकिन यह किसके द्वारा की गई? यह भी ध्यान रखने वाली बात है।

CJI: देखिए सीसीटीवी फुटेज से साफ पता चलता है कि आरोपी किस समय सेमिनार रूम में गया और कब बाहर आया। उसके बाद 4:30 बजे के बाद की फुटेज होगी। क्या वह फुटेज CBI को दी गई।

SG: हां, हमें सारी रिकॉर्डिंग मिली है। हमें सीन रिक्रिएट करना था।

CJI: क्या कोलकाता पुलिस ने सुबह 8:30 बजे से रात 10:45 बजे तक की पूरी फुटेज सौंप दी है?

सिब्बल: हां

CJI: लेकिन सीबीआई तो कह रही है कि केवल 27 मिनट का वीडियो शेयर किया गया है।

सिब्बल: 8:30 से 10:45 तक जो सबूत जुटाए गए। उसके वीडियो के कुछ हिस्से दिए गए हैं। कुछ तकनीकी गड़बड़ आई थी। हार्ड डिस्क भरी हुई थी जो पूरी दी जा चुकी है।

SG: हमारे पास फोरेंसिक जांच रिपोर्ट है। ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी जब मिली थी तो वह अर्धनग्न थी। उसके शरीर पर जींस और अंडरगारमेंट्स नहीं थे। शरीर पर चोट के निशान थे। उसके सैंपल लिए गए। सरकार ने बंगाल में CFSL में जांच कराई। जबकि CBI ने सैंपल को AIIMS और बाहर की फोरेंसिक लैब में भेजने का फैसला लिया है।

SG: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रिपोर्ट का समय नहीं बताया गया है।

सिब्बल: सब कुछ मौजूद है।

SG: वीडियोग्राफी किसने की। कोई डिटेल नहीं है।

सिब्बल: ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट वहां थे।

SG: लड़की के प्राइवेट पार्ट में जो घाव थे, उससे पता चलता है कि रेप किया गया था। और मौत का कारण हाथ से गला घोंटना था।

SG: एक रहस्य यह भी है कि दोपहर 2:30 बजे से रात 11:30 बजे के बीच जनरल डायरी में केवल 10 एंट्री हैं। क्या यह खुद लिखी गई हैं।

CJI: हां, 5:42 बजे; 5:65 बजे; 5:76 बजे और 6:81 बजे की एंट्री संदेह में डालती है। CBI यह जानती है और वह जांच कर रही है।

CJI: जब जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है, तो एक चालान भेजा जाता है, इसके बिना पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर शव को लेते नहीं हैं।

CJI: चालान कहां हैं? हम इसे देखना चाहते हैं।

सिब्बल: कृपया हमें समय दें। हम इसे अदालत में पेश करेंगे। जहां तक मुझे पता है चालान को CJM ने खुद भरकर भेजा था।

CJI: इसका मतलब है, क्या बिना चालान भेजे पोस्टमॉर्टम कर दिया गया?

SG: ऐसा नहीं हो सकता। यह एक कानूनी प्रक्रिया है।

जस्टिस पारदीवाला: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीसरे कॉलम में फॉर्म ले जाने वाले कॉन्स्टेबल का नाम है। चालान का कहीं जिक्र नहीं है। अगर यह दस्तावेज गायब है तो कुछ गड़बड़ है।

एक अन्य वकील: मेरे पास उन बदमाशों के नाम हैं जो अस्पातल में घुस आए थे, जिन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की।

सिब्बल: सीबीआई ने खुद नहीं कहा है कि सील टूटी है।

गीता लूथरा: यह पूरी तरह से गड़बड़ है।

लूथरा: एक तो लोगों को बिना पहचान पत्र देखे अस्पताल के अंदर जाने दिया जा रहा है।

लूथरा: एक और रिक्वेस्ट है कि सोशल मीडिया पर ट्रेनी डॉक्टर की तस्वीरें वायरल की जा रही हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए

CJI: हम सभी तस्वीरों को हटाने का आदेश देते हैं।

CJI: हम उम्मीद करते हैं कि पश्चिम बंगाल सरकार टास्क फोर्स की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना डॉक्टरों के काम करने के लिए सुरक्षित जगह बनाने के बारे में सोचे।

सिब्बल: कृपया स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट देखें। कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। CCTV से निगरानी भी हो रही है।

CJI: ठीक है, जैसा कि बताया जा रहा है कि 3,700 CCTV पहले से ही काम कर रहे थे। फिर यह अपराध क्यों हुआ? सरकार हमें यह बताए कि मामला कोर्ट में आने के बाद आरजी कर अस्पताल में राज्य सरकार ने सुरक्षा को लेकर क्या-क्या किया है?

दूसरा मुद्दा- डॉक्टर की सुरक्षा और ड्यूटी जॉइन करने पर

सिब्बल: डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से 23 लोगों की जान चली गई। 6 लाख लोगों को इलाज नहीं मिला। रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी में नहीं आ रहे। 1500 से अधिक रोगियों की एंजियोग्राफी नहीं की गई। डॉक्टरों को काम पर वापस जाने के लिए कहा गया। अब यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यदि वे काम पर नहीं आते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

CJI: डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से कौन पेश हो रहा है?

सीनियर एडवोकेट नंदी: हम यहां आए हैं। डॉक्टरों के दो समूह हैं। एडवोकेट लूथरा भी डॉक्टर की तरफ से हैं।

CJI: क्या सभी डॉक्टर ड्यूटी पर हैं?

एडवोकेट लूथरा: पश्चिम बंगाल के मेडिकल डॉक्टर और जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं हैं। 1700 अस्पताल हैं, 1500 में डॉक्टर ड्यूटी पर हैं लेकिन कलकत्ता में जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं हैं। उन्हें अभी भी धमकियां मिल रही हैं।

CJI: हम निर्देश देंगे कि यदि डॉक्टर काम पर वापस नहीं आते हैं तो हम राज्य सरकार को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकते। यदि वे काम पर वापस आते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी क्योंकि हम मामले से अवगत हैं।

एडवोकेट लूथरा: लेकिन डॉक्टरों को धमकियां मिल रही हैं। इनमें से कई डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया और इसलिए उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।

CJI: बेहतर होगा कि आप उन अस्पतालों में वापस चले जाएं जहां आपको काम करना चाहिए।

CJI: अगर डॉक्टर कल शाम 5 बजे या उससे पहले ड्यूटी पर रिपोर्ट करते हैं तो उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि अगर डॉक्टर लगातार काम से दूर रहते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

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