हाईकोर्ट ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्र और उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौर से कहा है वह आपस में बैठकर वकीलों की हड़ताल न हो, इसके लिए नीति बनाएं। तैयार नीति को अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश किया जाए। न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की पीठ ने यह आदेश दिया है। जिला बार एसोसिएशन के खिलाफ कायम आपराधिक अवमानना याचिका पर सुनवाई चल रही है। इसकी सुनवाई अब सात अगस्त को होगी।

जिला बार एसोसिएशन की ओर से आए दिन हड़ताल करने से न्यायिक कार्य बुरी तरह प्रभावित होने की जिला जज की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट में आपराधिक अवमानना याचिका कायम की गई है। कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिला जजों से रिपोर्ट मांग कर बार कौंसिल को हड़ताल रोकने के कदम उठाने का आदेश दिए थे। बार एसोसिएशन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने इसका निदान बार कौंसिल की ओर से किए जाने की दलील दी थी।

इस पर कोर्ट ने देश, प्रदेश की बार कौंसिलों के अध्यक्ष को हड़ताल रोकने के उपाय पर रिपोर्ट मांगी थी। हाईकोर्ट की तरफ से अधिवक्ता सुधीर मेहरोत्रा ने पक्ष रखा। जबकि, महानिबंधक की तरफ से सभी जिला जजों की रिपोर्ट अदालत में पेश की गई थी। इसकी प्रतियां बार कौंसिल को उपलब्ध कराकर कार्रवाई की जानकारी मांगी गई थी। अब कोर्ट ने उठाए जाने वाले क़दमों की जानकारी का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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