मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कुछ व्यक्तियों के पक्ष में भूमि के उत्परिवर्तन के विवाद में कथित रूप से फर्जी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सतना जिले में एक पटवारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। उस पर पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के बेटों को रामपुर बाघेलान गांव में जमीन के एक टुकड़े पर स्वामित्व स्थापित करने में सक्षम बनाने के लिए फर्जी रिपोर्ट पेश करने का आरोप है।

जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने सतना जिले के कलेक्टर को संबंधित पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया। कलेक्टर को 30 दिन के भीतर पटवारी का जवाब प्राप्त हो जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि इस तरह के जवाब में उन लागू कानूनी प्रावधानों के बारे में विवरण होना चाहिए जिनके तहत ऐसी रिपोर्ट बनाई गई थी। कलेक्टर को हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को सूचित करते हुए संबंधित पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए भी कहा है।

जबलपुर में बैठी पीठ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जमीन के टुकड़े पर अशोक सिंह और अन्य याचिकाकर्ताओं का कब्जा दिखाने के लिए कोई राजस्व रिकॉर्ड पेश नहीं किया गया है। पीठ ने कहा, “…पटवारी भगवान नहीं है। वह गांव वालों के बीच एक हीरो हो सकता है लेकिन वह कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं कर सकता। संबंधित पटवारी द्वारा याचिकाकर्ताओं अशोक सिंह और अन्य का कब्जा दर्ज करने के लिए कुछ आधार होना चाहिए…”

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